
पहलगाम आतंकवादी घटना पर किसने क्या कहा
जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में पूरा क्रिकेट जगत आग बबूला है जहां एक तरफ सभी हिंदुस्तानियों में इस खबर को लेकर आतंकवादियों के प्रति आक्रोश है वही क्रिकेट प्रेमियों को भी इस खबर में झकझोर के रख दिया है, देश के बड़े क्रिकेटरों का इस घटना पर क्या कहना है आईये इसके बारे में जानते हैं
पहलगाम आतंकी हमला: बाइसारन घाटी में हुआ बर्बर नरसंहार
22 अप्रैल 2025 की दोपहर, जब देश शांति और विकास की ओर बढ़ने का सपना देख रहा था, तभी जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम इलाके की बाइसारन घाटी में एक ऐसा खूनी हमला हुआ, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।
‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहे जाने वाले बाइसारन में बरसीं गोलियां
पुलवामा, उरी और कई अन्य आतंकी हमलों के ज़ख्म अभी भरे भी नहीं थे कि पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम को खून से लाल कर दिया। बाइसारन घाटी, जो अपनी खूबसूरती और ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ के नाम से मशहूर है, अब एक खूनी नरसंहार की गवाह बन गई है।
हमला कब हुआ?
22 अप्रैल 2025 को दोपहर 3:15 बजे के आसपास जब देशभर से आए पर्यटक बाइसारन घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे, तभी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने अचानक निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। कुछ ही मिनटों में चीख-पुकार और खून की नदियाँ बहने लगीं।
28 निर्दोष लोगों की जान गई, दर्जनों घायल
इस बर्बर हमले में अब तक 28 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है जबकि 35 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। स्थानीय पुलिस, सेना और विशेष बल (एसओजी) ने तत्काल मोर्चा संभाला और इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
हमलावर कौन थे?
सूत्रों के अनुसार इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया जा रहा है। एनआईए और आईबी की संयुक्त जांच शुरू हो चुकी है। The Resistance Front (TRF) terror group ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, यह ग्रुप सोशल मीडिया के जरिए युवाओं का ब्रेन वाश करके अपने संगठन में शामिल करते हैं
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि “यह हमला मानवता पर हमला है। आतंकियों को उनकी क्रूरता का जवाब दिया जाएगा।” गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले को “राष्ट्रीय शर्म” करार दिया है और केंद्र सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की है।
कश्मीर में हालात फिर तनावपूर्ण
पिछले कुछ महीनों से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही थी। ‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘जम्मू-कश्मीर नया भारत’ जैसी पहलें कुछ सकारात्मक संकेत दे रही थीं। पर इस हमले के बाद एक बार फिर कश्मीर की शांति पर सवाल उठ गए हैं।
क्या है पाकिस्तान का हाथ?
भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस हमले के पीछे पाकिस्तान की आईएसआई और सीमा पार मौजूद आतंकी कैंपों की भूमिका का संदेह है। NDTV, Republic TV, India TV Live और Times of India जैसी तमाम मीडिया एजेंसियों ने इस हमले को पाकिस्तान की साजिश करार दिया है।
पीड़ितों में कौन-कौन शामिल?
मारे गए लोगों में दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, अहमदाबाद और भोपाल से आए पर्यटक शामिल हैं। कई लोग अमरनाथ यात्रा की तैयारी में थे और इस बीच पहलगाम घूमने आए थे। कुछ परिवारों के तो सभी सदस्य इस हमले में मारे गए।
लोगों का गुस्सा और शोक
सोशल मीडिया पर #PahalgamAttack और #TerrorInKashmir ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर पर विराट कोहली, अक्षय कुमार और कई हस्तियों ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। Instagram और Facebook पर लोगों ने ‘This will haunt us forever’ जैसे संदेश साझा किए हैं।
Horrified to know of the terror attack on tourists in Pahalgam. Sheer evil to kill innocent people like this. Prayers for their families. 🙏
— Akshay Kumar (@akshaykumar) April 22, 2025
क्या यह फिर एक ‘पुलवामा’ है?
2019 का पुलवामा हमला आज भी लोगों की याद में ताजा है। और अब यह पहलगाम हमला, जिसमें निर्दोष सैलानियों को निशाना बनाया गया, देश के लिए एक और दर्दनाक मोड़ बन गया है।
सरकार की अगली रणनीति क्या होगी?
गृह मंत्रालय ने J&K में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। अजित डोभाल खुद ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। सेना और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
पाहलगाम क्यों था निशाने पर?
पाहलगाम और बाइसारन जैसे शांत पर्यटन स्थल पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के लिए ‘सॉफ्ट टारगेट’ बनते जा रहे हैं। अमरनाथ यात्रा नजदीक होने के कारण सुरक्षा बलों के ध्यान में कमी का फायदा उठाकर आतंकियों ने हमला किया।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर में हुए इस भयावह हमले ने फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और निर्दोष लोगों की जान लेने वाले कभी इंसान नहीं हो सकते। पहलगाम में हुआ यह हमला न केवल कश्मीर के पर्यटन को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि भारत के धैर्य की भी परीक्षा लेगा।
👉 क्या अब समय आ गया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध की शुरुआत करे?
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