Boycott Turkey: भारत ने तुर्की के खिलाफ ₹4000 करोड़ के पर्यटन बहिष्कार से दिया करारा जवाब!

तुर्की का संक्षिप्त परिचय

Boycott Turkey: भारत ने तुर्की के खिलाफ ₹4000 करोड़ के पर्यटन बहिष्कार से दिया करारा जवाब!

तुर्की, आधिकारिक रूप से Turkey , यूरोप और एशिया के संगम पर स्थित एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी अंकारा है, जबकि इस्तांबुल इसका सबसे बड़ा और प्रमुख शहर है। तुर्की की अर्थव्यवस्था मिश्रित है, जिसमें पर्यटन, निर्माण, कृषि और विनिर्माण प्रमुख क्षेत्र हैं।

🇹🇷 तुर्की का भौगोलिक और सांस्कृतिक परिदृश्य

तुर्की की भौगोलिक स्थिति इसे यूरोप और एशिया के बीच एक सेतु बनाती है। इसके उत्तर में काला सागर (Black Sea), पश्चिम में एजियन सागर (Aegean Sea) और दक्षिण में भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) स्थित हैं। यह देश विविध सांस्कृतिक विरासतों का संगम है, जिसमें हित्ती, यूनानी, रोमन, बीजान्टिन और ओटोमन साम्राज्य की छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।

💰 तुर्की की अर्थव्यवस्था: एक विविधीकृत ढांचा

तुर्की की अर्थव्यवस्था एक उभरती हुई मुक्त-बाजार अर्थव्यवस्था है, जो सेवा क्षेत्र, उद्योग और कृषि पर आधारित है।

  • सेवा क्षेत्र (Services Sector): तुर्की की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग 65% है, जिसमें पर्यटन, वित्तीय सेवाएं और खुदरा व्यापार प्रमुख हैं।

  • उद्योग (Industry): उद्योग क्षेत्र में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र, निर्माण, इस्पात और खाद्य प्रसंस्करण प्रमुख हैं। तुर्की विश्व में आठवां सबसे बड़ा कच्चा इस्पात उत्पादक है और मोटर वाहन उत्पादन में 13वें स्थान पर है।

  • कृषि (Agriculture): तुर्की की कृषि अर्थव्यवस्था विश्व की शीर्ष दस में से एक है, जिसमें गेहूं, चीनी बीट, दूध, पोल्ट्री, कपास, टमाटर और अन्य फल-सब्जियों का उत्पादन होता है। यह खुबानी और हेज़लनट्स के उत्पादन में विश्व में अग्रणी है।


देशभर में जोर पकड़ रहा ‘बॉयकॉट तुर्की’ अभियान

भारत से तुर्की जाने वाले पर्यटकों की संख्या और आय

हाल के वर्षों में, भारत से तुर्की जाने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2024 में, लगभग 2 लाख भारतीय पर्यटकों ने तुर्की की यात्रा की, जिससे तुर्की को लगभग ₹4,000 करोड़ की आय हुई। लेकिन जैसे ही #boycottturkey  ट्रेंड चल अचानक से लोगों ने तुर्की के टूर कैंसिल कर दिए हैं और व्यापार में भी आयात निर्यात बंद करने के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं और स्वयं जनता भी अपनी तरफ से व्यापार को बंद कर रही है यह है हमारे भारतीय एकता को दर्शाता है।

विश्व पर्यटन में तुर्की की वार्षिक आय

तुर्की का पर्यटन उद्योग उसकी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 2024 में, तुर्की ने पर्यटन से लगभग $50 बिलियन की आय अर्जित की, जो उसकी कुल जीडीपी का लगभग 12% है।

देशभर में जोर पकड़ रहा ‘बॉयकॉट तुर्की’ अभियान

अभियान के बाद तुर्की को करारा झटका लगने वाला है इंडिया से तुर्की के टिकट बिक्री में लगभग 60% की कमी आई है और टिकट कैंसिलेशन में लगभग 250%  की वृद्धि हुई है पता है यह कहा जा सकता है कि “बॉयकॉट तुर्की” अभियान से तुर्की के टूरिज्म को इंडिया से काफी नुकसान होने वाला है और भविष्य में तुर्की ऐसी गलती करने की नहीं सोचेगा और भारत को कैसे मनाया जाए इस पर भी विचार किया जाएगा।


भारत-तुर्की आयात-निर्यात संबंध

वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत और तुर्की के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग $10.43 बिलियन रहा। इसमें भारत का निर्यात $6.65 बिलियन और आयात $3.78 बिलियन था। भारत तुर्की को मशीनरी, लोहे-स्टील, तिलहन और कीमती पत्थर जैसे उत्पाद निर्यात करता है, जबकि तुर्की से भारत खनिज तेल, फ्लैट स्टील, प्लास्टिक और टेक्सटाइल आयात करता है।अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के दौरान भारत का तुर्किये के साथ व्यापार 5.2 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 में 6.65 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 437 अरब डॉलर के व्यापार का केवल 1.5% है। वहीं, अजरबैजान के साथ भारत का व्यापार इसी अवधि में 8.60 करोड़ डॉलर रहा, जो 2023-24 में 8.96 करोड़ डॉलर था। तुर्किये से भारत का आयात अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच 2.84 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 में 3.78 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 720 अरब डॉलर के आयात का सिर्फ़ 0.5% है। अजरबैजान से आयात 2024-25 में 19.3 करोड़ डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह मात्र 7.4 लाख डॉलर था। यानी, दोनों देशों के साथ भारत का व्यापारिक संबंध बना हुआ है, लेकिन इसका हिस्सा सीमित है।


पाकिस्तान द्वारा उपयोग किए गए तुर्की ड्रोन: क्षमता, कीमत और विशेषताएँ

पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के खिलाफ तुर्की में बने सोंगर ड्रोन का उपयोग किया। ये ड्रोन हल्के, हथियारबंद और बहु-उपयोगी मानवरहित विमान (UAV) हैं। एक सोंगर ड्रोन की कीमत लगभग $24,000 (₹20 लाख) है। भारत ने अपने स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम से इन ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया।


भारत के संभावित कूटनीतिक कदम

तुर्की के पाकिस्तान समर्थन के मद्देनजर, भारत निम्नलिखित कूटनीतिक कदम उठा सकता है:

  • पर्यटन बहिष्कार: भारतीय पर्यटकों को तुर्की यात्रा से हतोत्साहित करना।

  • व्यापारिक प्रतिबंध: तुर्की से आयातित उत्पादों पर प्रतिबंध या उच्च शुल्क लगाना।

  • राजनयिक दबाव: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तुर्की के रुख की आलोचना करना।

  • सैन्य सहयोग: तुर्की के विरोधियों जैसे आर्मेनिया को सैन्य सहायता प्रदान करना।

  • Turkey के खिलाफ भारत का आर्थिक प्रहार: फलों से लेकर Tourism तक

भारतीय पर्यटन के बहिष्कार का तुर्की पर प्रभाव

भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से तुर्की के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है। विशेष रूप से, लग्जरी होटल्स, मेडिटेरेनियन क्रूज टूर और अन्य हाई-एंड टूरिज्म सेवाएं प्रभावित होंगी।


तुर्की की जीडीपी और आय के स्रोत

2024 में, तुर्की की जीडीपी $1.32 ट्रिलियन थी। इसके प्रमुख आय स्रोतों में पर्यटन, कृषि, निर्माण, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र शामिल हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के ‘भाईजान’ बने देशों को भी उसी अंदाज में जवाब मिल रहा है. भारत के खिलाफ चीन की झूठ मशीन ग्लोबल टाइम्स का एक्स अकाउंट बंद करने के बाद उसकी शिन्हुआ न्यूज एजेंसी को भी ब्लॉक कर दिया गया है.  इसके अलावा पाकिस्तान के हाथ में ड्रोन थमाने वाले तुर्किए के ब्रॉडकास्टर टीआटी वर्ल्ड के हैंडल पर भी भारत में ताला लगा दिया गया है. 

Boycott Turkey: भारत ने तुर्की के खिलाफ ₹4000 करोड़ के पर्यटन बहिष्कार से दिया करारा जवाब!

तुर्की को लेकर भारत के अंदर भी जबर्दस्त गुस्सा है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने सोमवार को दिल्ली में 700 से अधिक व्यापारिक संगठनों से चीन और तुर्की के साथ सभी प्रकार के व्यापार को रोकने की अपील की. सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा, चीन और तुर्की ने भारत-पाक संघर्ष में प्रतिद्वंद्वी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, चीन को भारतीय बाजारों से काफी लाभ होता है, क्योंकि देश भर में इसके उत्पादों का व्यापक रूप से व्यवसायों में उपयोग किया जाता है. इसके बावजूद, वह (चीन) गैर-मित्रतापूर्ण रुख अपनाना जारी रखे है. ऐसे देशों पर हमारी आर्थिक निर्भरता पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है।

Makemytrip के प्रवक्ता के अनुसार, अजरबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग में 60% की कमी आई है। वहीं, कैंसिलेशन में 250% की वृद्धि हुई है। देश के साथ एकजुटता और सेना के प्रति गहरे सम्मान के कारण, हम इस भावना का दृढ़ता से समर्थन करते हैं और सभी को अजरबैजान और तुर्की की सभी यात्राओं के खिलाफ सलाह दे रहे हैं। हमने इन दो गंतव्यों पर पर्यटकों को हतोत्साहित करने के लिए सभी ऑफर पहले ही बंद कर दिए हैं।

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